PM Fasal Bima Yojana में 40 करोड़ का फर्जीवाड़ा: सच्चाई और सावधानियां

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

PM Fasal Bima Yojana (PMFBY) ने लाखों किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने का वादा किया था लेकिन हाल ही में महोबा में 40 करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। यह खबर चौंकाने वाली है, क्योंकि जिन किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिलना चाहिए था, उनके नाम पर बाहरी लोगों ने फायदा उठाया। आखिर यह फर्जीवाड़ा हुआ कैसे? और आप अपने बीमा को सुरक्षित कैसे रख सकते हैं? इस लेख में हम इस घोटाले की पूरी कहानी, इसके पीछे की वजहें और बचाव के आसान उपाय बताएंगे।

PM Fasal Bima Yojana क्या है?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 में शुरू की गई थी, ताकि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि या कीटों के हमले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को बहुत कम प्रीमियम देना होता है—खरीफ फसलों के लिए 2%, रबी फसलों के लिए 1.5% और बागवानी फसलों के लिए 5%। बाकी प्रीमियम सरकार भरती है। यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए बनाई गई थी, लेकिन हाल के फर्जीवाड़े ने इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

Jandhan Yojana KYC Update: इंदौर के संतृप्ति शिविर में RBI गवर्नर की शिरकत, 11 साल की बड़ी सफलता

महोबा में 40 करोड़ का फर्जीवाड़ा: क्या हुआ?

महोबा, उत्तर प्रदेश में PM Fasal Bima Yojana के तहत बड़ा घोटाला सामने आया है। खबरों के मुताबिक, इफको टोकियो नाम की बीमा कंपनी ने करीब 40 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया। हैरानी की बात यह है कि यह पैसा उन लोगों को दिया गया, जो महोबा के नहीं थे और जिनका इस जिले से कोई लेना-देना नहीं था। किसानों ने इसकी शिकायत की, जिसके बाद डीएम ने तहसील स्तर पर जांच टीमें बनाईं। जांच में पता चला कि बिना सत्यापन के ही यह भुगतान कर दिया गया

इस घोटाले में फर्जीवाड़ा करने वालों ने चकबंदी वाले गांवों को निशाना बनाया। चकबंदी प्रक्रिया में जमीन का डेटा ऑनलाइन नहीं होता, जिसका फायदा उठाकर कुछ लोगों ने 10 रुपये के स्टांप पर फर्जी बटाईनामा बनवाया और बीमा करा लिया। इसके बाद टोल-फ्री नंबर पर नुकसान की झूठी जानकारी देकर क्लेम पास करवा लिया गया। बीमा कंपनी ने भी बिना जांच के भुगतान कर दिया, जिससे साफ है कि कहीं न कहीं सांठगांठ थी

PM Fasal Bima Yojana फर्जीवाड़े की मुख्य वजहें

इस घोटाले के पीछे कई कमियां सामने आई हैं, जिन्होंने फर्जीवाड़े को आसान बना दिया। आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ:

  • सत्यापन की कमी: बीमा कंपनी ने बटाईनामा या दस्तावेजों की ठीक से जांच नहीं की। इससे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भुगतान हो गया।
  • चकबंदी का फायदा: चकबंदी वाले गांवों में जमीन का डेटा ऑनलाइन उपलब्ध नहीं होता, जिससे फर्जीवाड़ा आसान हो गया।
  • बीमा कंपनी की लापरवाही: कुछ मामलों में बीमा कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत की बात सामने आई है, क्योंकि बिना सत्यापन के भुगतान संभव नहीं था।
  • किसानों की अनजानगी: कई किसानों को योजना की पूरी जानकारी नहीं थी, जिसके कारण फर्जी लोग उनके नाम पर बीमा करा पाए।

क्या कहते हैं आंकड़े?

महोबा में हुए PM Fasal Bima Yojana के फर्जीवाड़े में कई गांव प्रभावित हुए। उदाहरण के लिए, चरखारी तहसील के सिमरिया, पुरवा जैतपुर, इंदौरा और कर्रीजरीद गांवों में क्षेत्रफल से ज्यादा बीमा कराया गया और 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान हो गया। इसी तरह, कुलपहाड़ तहसील के भटेवरकला, लुहारी और संतोषपुरा में 2.80 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान हुआ। मुरानी गांव में 42 लोगों को 49 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जो पूरी तरह गलत था।

किसानों को क्या नुकसान हुआ?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा नुकसान असली किसानों को हुआ। जिन किसानों की फसलें वाकई में खराब हुईं, उन्हें समय पर मुआवजा नहीं मिला। वहीं, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बाहरी लोगों ने योजना का लाभ उठा लिया। इससे न सिर्फ योजना की विश्वसनीयता घटी, बल्कि किसानों का भरोसा भी टूटा। कई किसानों ने शिकायत की कि वे बीमा कंपनी और कृषि विभाग के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुईम

फर्जीवाड़े से बचने के लिए क्या करें?

अगर आप एक किसान हैं और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ ले रहे हैं, तो फर्जीवाड़े से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:

  • दस्तावेजों की जांच करें: बीमा कराने से पहले अपने सभी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, खेत की खसरा-खतौनी और बटाईनामा अच्छे से जांच लें। सुनिश्चित करें कि ये दस्तावेज सही हैं और किसी और के नाम पर इस्तेमाल नहीं हो रहे।
  • सीधे पोर्टल पर आवेदन करें: बीमा के लिए राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (www.pmfby.gov.in) पर खुद आवेदन करें। इससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी
  • टोल-फ्री नंबर का इस्तेमाल: अगर आपको फसल नुकसान का दावा करना है, तो बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर संपर्क करें और सभी जानकारी सही-सही दें।
  • स्थानीय अधिकारियों से संपर्क: अपने नजदीकी बैंक, सहकारी समिति या कृषि विभाग से संपर्क करें और बीमा प्रक्रिया की जानकारी लें।
  • फसल नुकसान की तस्वीरें लें: अगर फसल खराब होती है, तो तुरंत तस्वीरें लें और बीमा कंपनी को भेजें। इससे क्लेम प्रक्रिया आसान होगी।
  • जागरूक रहें: योजना की पूरी जानकारी रखें। अगर कोई बिचौलिया आपसे ज्यादा प्रीमियम या फर्जी दस्तावेज बनाने की बात कहे, तो उससे बचें।

सरकार और बीमा कंपनी की जिम्मेदारी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फर्जीवाड़े के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। महोबा में जिला प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और तहसील स्तर पर जांच टीमें काम कर रही हैं। इसके अलावा, सरकार ने बीमा कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अगर बीमा कंपनी 80% से कम क्लेम का भुगतान करती है, तो उसे बाकी राशि सरकार को वापस करनी होगी। इससे बीमा कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा कि वे सही सत्यापन करें और फर्जीवाड़ा रोकें।

प्रधानमंत्री पसल बीमा योजना की खामियां और सुधार की जरूरत

हालांकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने लाखों किसानों को लाभ पहुंचाया है, लेकिन इस तरह के फर्जीवाड़े ने कुछ खामियों को उजागर किया है। सत्यापन प्रक्रिया को और सख्त करना होगा। साथ ही, किसानों को योजना के बारे में जागरूक करने के लिए ज्यादा अभियान चलाने चाहिए। डिजिटल तकनीक जैसे स्मार्टफोन, ड्रोन और जीपीएस का इस्तेमाल बढ़ाने से भी फर्जीवाड़ा कम हो सकता है

निष्कर्ष:

PM Fasal Bima Yojana किसानों के लिए एक वरदान हो सकती है, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाए। महोबा में हुआ 40 करोड़ का फर्जीवाड़ा इस बात का सबूत है कि सिस्टम में सुधार की जरूरत है। किसानों को जागरूक रहना होगा और अपने दस्तावेजों की सुरक्षा करनी होगी। सरकार और बीमा कंपनियों को भी मिलकर काम करना होगा, ताकि असली किसानों को उनका हक मिले। अगर आप इस योजना का लाभ ले रहे हैं, तो ऊपर बताए गए टिप्स अपनाएं और अपने हक के लिए आवाज उठाएं। आइए, मिलकर इस योजना को और बेहतर बनाएं, ताकि हर किसान को उसका पूरा लाभ मिले।

Leave a Comment